"वैष्णव जन तो तेने कहिये जे पीड़ परायी जाणे रे,
पर दुख्खे उपकार करे तोये मन अभिमान ना आणे रे!!"
अमर झा सर्व धर्म समभाव में विश्वास रखते हैं. गाँधी जी के सिद्धांतों के अनुरूप वो हर जन हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन एवं किसी भी मान्यता और संप्रदाय के लोगों की पीड़ा को अपना समझते हैं और उनके सहायता के लिए प्रयास करते हैं.
वह हर मान्यता के पर्व, त्यौहार, आयोजन एवं तीर्थस्थल पर पहुँचते हैं और अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं.
उनके सर्वधर्म समभाव की कुछ झलकियां -
पार्क प्लेस में छठ पूजा का अर्घ्य देते हुए
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा बछौर में रामचरितमानस एवं गीता ज्ञान यज्ञ का आयोजन
यज्ञ के दौरान ध्यान साधना
रामचरित मानस एवं गीता यज्ञ में भक्तों की आरती
हर मंदिर साहिब अमृतसर में अरदास
हर मंदिर साहिब अमृतसर की यात्रा
गुरुग्राम में प्रकाश उत्सव में शामिल
जैन मंदिर मंदार बांका में दर्शन
मंदार पर्वत पर जैन तीर्थ स्थल की यात्रा
सिक्किम के बौद्ध मठ का भ्रमण
पटना में ब्रह्म कुमारी में मुरली सुनते हुए
ब्रह्म कुमारी उषा दीदी से मुलाकात
हर मंदिर साहिब के अमृतवेला में भव्य दर्शन
सिक्किम के "स्काई वाक" पेल्लिंग में बौद्ध मठ पर ध्यान साधना
अपने बछौर ग्राम के कुलदेवी का दर्शन